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अनुभूति में प्रवीण पंडित की रचनाएँ

अंजुमन में-
खुशबू
मीलों मीलों
शुरुआत
सौगात

गीतों में—
एक बार बोलो
कहाँ पर सोया संवेदन

काला कूट धुआँ
मौन हुए अनुबंध

मीलों मीलों

लोग थकेंगे और चलेंगे मीलों फिर
कुछ ऐसे हालात बनेंगे मीलों फिर

रफ़्ता- रफ़्ता वाक़िफ़ भी हों जाएँगे
जब हम दोनों साथ रहेंगे मीलों फिर

गम होगा तो भी महसूस नहीं होगा
जब हम खुलकर बात करेंगे मीलों फिर

उम्मीदें भी रहें, सोच में भी बल हो
फिर दरिया को चीर बहेंगे मीलों फिर

इश्क़ को पलकों में रख लें या पर्दों में
कुछ ना कुछ तो लोग कहेंगे मीलों फिर

ये मसला तो सिर्फ़ मेरे अहसास का है
जब चाहोगे, आन मिलेंगे मीलों फिर

१६ मई २०११

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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