अनुभूति में
नचिकेता
की रचनाएँ - नए
गीत-
आकाश नीला
भय का लभेरा
यह अँधेरा
सर्द मौसम
गीतों में-
उमंगों भरा शीराज़ा
खुले नहीं दरवाज़े
जेहन
मे
जो कुछ भी कहना है
तेरी हँसी
दोपहर
प्यार का रंग
बेहद अपनी
मृदु संगीत कला का
रात
शब्दों ने जो बात कही है
शाम
सपनों का नीड़
सुबह
हवा की गंध
छंद मुक्त में-
मेरा यूटोपिया
संकलन में-
वसंती हवा-फूले
फूल पलाश
हिंदी
की
सौ
सर्वश्रेष्ठ
प्रेम
कविताएँ-थके
नयन में सुबह |
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शाम
टूट गिरा
पत्ते-सा दिन
धुआँ
पहनने लगीं दिशाएँ
दीवालों के
दाएं-बाएं
किरणों की नाजुक टहनी पर
झूल रहा
छत्ते-सा दिन
गीली
चिड़िया की पाँखों से
चूने लगा
समय आँखों से
सूख रहा छत की मुँडेर पर
यह कपड़े-
लत्ते-सा दिन
नाखूनों
से तेज़ हवा के
मुँह पर कई
खरोंच लगा के
कालचक्र पर मढ़ी जिल्द से
उघर रहा
गत्ते-सा दिन
24 अगस्त 2006
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