अनुभूति में डॉ. अश्वघोष
की रचनाएँ—
नए गीतो में-
धूप से बातें करें
शहतूत के
पेड़
हत्यारे दिन
अंजुमन में-
जो भी सपना
रफ़्ता रफ़्ता
रोज़मर्रा
सिलसिला ये दोस्ती का
छंदमुक्त में-
अभी तो लड़ना है
आज भी
शब्दों की किरचें
सड़क पर तारकोल
सदियों से भूखी औरत
सोच रहा है दिन
गीतों में—
जल नहीं है
तुमसे मिलके
लाजवंती धारणाएँ
संसद के गलियारे
संकलन में-
हिंदी की 100 सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ-
नए साल में
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शहतूत के पेड़
रेशम के कीड़ों की खातिर
खड़े पेड़ शहतूत के
पल भर की निद्रा के भीतर
किन आँखों को लेकर झाँकें
पत्ती पत्ती छिन जाएगी
रह जाएँगी नंगी शाखें
साक्षी हैं ये मौन दिगंबर
माली की करतूत के
चिंता तो फिर भी बच जाती
लुट जाता जब सबकुछ अपना
आँखें सपना देखें कैसे
सपना तो होता है सपना
करते नहीं कामना फल की
चेले ये अवधूत के
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७ फरवरी २०११ |