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अनुभूति में डॉ. अश्वघोष की रचनाएँ

अंजुमन में-
जो भी सपना
रफ़्ता रफ़्ता
रोज़मर्रा
सिलसिला ये दोस्ती का

छंदमुक्त में-
अभी तो लड़ना है
आज भी
शब्दों की किरचें
सड़क पर तारकोल
सदियों से भूखी औरत
सोच रहा है दिन

गीतों में—
जल नहीं है
तुमसे मिलके
लाजवंती धारणाएँ
संसद के गलियारे

संकलन में-
हिंदी की 100 सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ- नए साल में

 

आज भी

वक्त ने बदली है सिर्फ़ तन की पोशाक
मन की ख़बरें तो आज भी छप रही हैं
पुरानी मशीन पर

आज भी मंदिरों में ही जा रहे हैं फूल
आज भी उँगलियों को बींध रहे हैं शूल
आज भी सड़कों पर जूते चटका रहा है भविष्य

आज भी खिड़कियों से दूर है रोशनी
आज भी पराजित है सत्य
आज भी प्यासी है उत्कंठा

आज भी दीवारों को दहला रही है छत
आज भी सीटियाँ मार रही है हवा
आज भी ज़िन्दगी पर नही है भरोसा ।

२९ जून २००९

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