यह वादा करो
यह वादा करो
कभी ना उदास होंगे,
सृष्टि के कष्ट चाहे सब साथ होंगे।
प्रसन्नता के क्षणों को
एकांत से ना सजाना,
हम ना सही, कुछ लोग खास होंगे।
दुःख में स्वयं को
कभी अकेला ना समझना,
दिल के तेरे हम पास-आस होंगे।
देखना कभी ना
नज़रों को उठा कर,
कुछ अश्रु, कुछ प्रश्नों के वास होंगे।
तन्हा ना घूमना
जंगल में तन्हाइयों के,
कुछ टूटे फूटे शब्द मेरे तेरे पास होंगे।
२२ दिसंबर २००८ |