अच्छी है यही
खु्द्दारी अच्छी है यही
खुद्दारी क्या
रख जेब में दुनियादारी क्या
जो दर्द छुपा के हँस दें हम
अश्कों से हुई गद्दारी क्या
हँस के जो मिलो सोचे दुनिया
मतलब है, छुपाया भारी क्या
वे देह के भूखे क्या जाने
ये प्यार वफ़ा दिलदारी क्या
बातें तो कहे सच्ची 'श्रद्धा'
वे सोचे मीठी खारी क्या
१ जून २००९ |