अनुभूति में
पराशर गौड़ की रचनाएँ—
छंदमुक्त में-
चाह
बहस
बिगुल बज उठा
सज़ा
सैनिक का आग्रह
हास्य व्यंग्य में-
अपनी सुना गया
गोष्ठी
पराशर गौड़ की सत्रह हँसिकाएँ
मुझे छोड़
शादी का इश्तेहार
संकलन में-
नया साल-
नूतन वर्ष
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हँसिकाएँ
१– सिक्के
सोनिया वाजपाई और काशीराम
ये तीनो सत्ता के सिक्के हैं
जो जीता वो चला…
जो हारा वो खोटे है।
२– उपाधि
आओ खोले हिन्दी के नाम पर
अपने अपने खोमचे
अपनी अपनी दुकानें
कुछ तो हरकत में आएँ
कविता करे या ना करे
कम से कम कवि तो कहलाएँ।
३– हरिद्वार
हरि……द्वार
हरि के नाम पर
यजमानो का मुण्डन
पण्डों की बहार।
४– काशी
पंडौ के मजे.
लाशों के साथ
झूठी आशा
स्वर्ग की लालसा
काशी…
जीवन मृत्यु का साक्षी।
५– बनारस
पंडों की मंडी में
पितरों के नाम पर
लुटता जजमान
बिना मोल बिना दाम
सरे आम बेबस
बना-रस…।
६– समय
एक सज्जन ने पूछा
भाई बताएँ समय क्या चल राहा है
दूसरा बोला…
समय ठीक नहीं
बेटा बाप को नही पहचान रहा है।
७– पद्म श्री
एक कवि दूसरे कवि से बोला
सुना है…
तुम्हे पद्म श्री मिलने वाली है
अबतो मुँह मीठा करवा दो
दूसरा बोला.…
एक काम करें…आप श्री को रखें
हमें पद्मा दिलवा दो।
८– लफड़ा
मेरा और मेरी पत्नी के बीच
छतीस का आंकड़ा है
मै हाँ कहता हूँ… वो ना कहती है
वो हाँ कहती है… मै ना कहता हूँ
बस्स…यही तो लफड़ा है।
९– कंजूसी
कैनड़ा आने से पूर्व
मेरा अच्छा खासा लम्बा चौड़ा नाम था
जिसे कहने… सुनने में आनद आता था
पाराशर
आते ही यहाँ
शब्दों की हो गई कंजूसी
हेरा फेरी
पाराशर से हो गया—पेरी।
१०– हिन्दी से चिढ़
एक सहेली ने
दूसरी सहेली से पूछा, "बहिन
इस दौरान तुम हिन्दोस्तान गई?"
वो बोली,
"मै और हिन्दोस्तान…तौबा तौबा
हाँ अलबत्ता.…दो बार इंडिया हो आई।
११– प्यार के चर्चे
तेरे मेरे प्यार के चर्चे
जैसे हाई स्कूल के पर्चे
होने से पहले ही
हो गये आउट
अर हम देखते रहे
मुँह खोल करके।
१२– इन्टव्यू
तुम्हारे बाप का नाम
बोलो……
बाकी मै देख लूँगा
साहब जी…
काम बन जायेगा
तो आपको ही कह दूँगा।
१३– गारंटी
एक एम एल ए
एम एल ए से मंत्री बना
लोगों का ताँता लगा
मिठाईयाँ बाँटी
मै बोला बधाई हो!
कल तक रहोगे
है कोई गारंटी?
१४– बैलैंस
प्रेमिका प्रेमी से बोली
डार्लिंग जीवन का मज़ा आ रहा है
प्रेमी बोला, क्यों नहीं क्यों नहीं
लेकिन
मेरे बटुवे का बैलेंस
बिगड़ा जा रहा है।
१५– असर
मेरी पत्नी
मुझ से लड कर मायके चली गई
फोन से गुस्सा उतार रही है
गुस्सा उतर रहा है
पहले सौ का बिल आता था
अब पाँच सौ का आ रहा है।
१६– समानता
चोर नेता और सिपाही
तीनों एक ही कुण्ड में नहाए
एक करे
दूसरा करवाए
अगर पकडे गए
तो तीसरा छुड़वाए
१७– शिकायत
प्रेमिका ने प्रेमी से
की शिकायत…
मुझे देखकर तुम्हारे हार्ट में
तरगे क्यों नही उठती
क्यों नही धडकता वो साम सवेरा
प्रेमी बोला…
धडकता है धडकता है डियर
लेकिन महसूस कैसे करे
आर्टिफीशियल जो ठहरा।
२४ मार्च २००४ |