प्रार्थना होता जीवन
मत उलझो
जैसे कि
निश्चिंत होने के बावजूद
उलझते शंका में
या अनुभव करते
शोर-शराबों में
अथवा गंतव्यों की तरफ़ चलते
बियाबान जंगलों में
सुलझना चाहो तो
इस तरह सुलझो
जैसे कि रुई का रेशा-रेशा
पोनी से वस्त्र बनने तक
या कि भाप से बादल
बादल से बरसता पानी
या प्रणय सिंध में
नहाते विकार
अथवा ध्वनि से स्वर
स्वर से प्रार्थना होता जीवन।
16 मई 2007
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