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अम्ल, क्षार और
गीत
अम्ल, क्षार और गीत
मेरे कुछ मनमीत,
अम्ल, क्षार और गीत।
एक खट्टा है,
दूसरा कसैला है,
तीसरे के सारे स्वाद हैं।
पहला गला देता है,
दूसरा जला देता है,
तीसरा सारे काम कर देता है।
पहले दोनों को मिलाने पर,
बनते हैं लवण और पानी,
अर्थात खारा पानी,
अर्थात आँसू,
और तीनों को मिलाने पर,
बन जाता हूँ मैं। २७ जून
२०११ |