अनुभूति में
कृष्ण कुमार
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संबंध
संबंधों के मकड़जाल से
भरी हुई है दुनिया
एक सम्बन्ध से नाता टूटा
ते दूसरे सम्बन्ध जुड़ गए
हर दिन न जाने कितने ही
संबंधों से जुड़ते हैं लोग
कोई औपचारिक
तो कोई अनौपचारिक
पर कई सम्बन्ध
ऐसे भी होते हैं
जो न चाहते हुए भी
जुड़ जाते हैं,
क्योंकि
उनका नाता कहीं
मन की गहराइयों से होता है
ये सम्बन्ध
साथ भले
ही न निभा सकें
पर चेतन या अवचेतन में
उनकी टीस सदा बनी रहती है।
११ अगस्त २००८ |