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कैसे पाए स्नेह
कैसे पाये स्नेह
समस्या खड़ी हो गयी
छुटका पैदा हुआ
कि नन्हीं बड़ी हो गयी
गोंदी से उतारकर
खुद आसीन हो गया
सब दुलार वह नया नया
मेहमान ले गया
राजदुलारी ममता की
भिक्षुणी हो गयी
सारा घर तो ज़िदें
खिलाने की करता था
मीठी बोली से कब किसका
मन भरता था
समझ नहीं पाती है
क्या गड़बड़ी हो गयी
बड़ी जलन है, साथ
स्नेह भी अँखुआया है
देखभाल का जिम्मा भी
ऊपर आया है
वॉकर बनी और फिर
बारहखड़ी हो गयी
डगमग चलते पाँव
सयानापन ढोयेंगे
गिरा दिया छोटे को यदि
फिर तो रोयेंगे
फूलों की थी, अब आँसू की
लड़ी हो गयी
२० जनवरी २०१४
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