ऐ मेरे प्राण बता
ऐ मेरे प्राण बता!
क्या भुला पाओगे?
वे झरोखे में छुपी
तेरे नयनों की चुभन।
गोरे रंग में जो घुली वे गुलाबों की
घुलन।
तेरा तन छूकर आती सन्दली मलय पवन।
ऐ मेरे प्राण बता!
क्या भुला पाओगे?
तेरी चूड़ी में बसी
मेरे दिल की धड़कन।
मेरे आँगन में बजी वे पायल की रुनझुन।
मेरी नींदें थपकाती तेरे अधरों की
धुन।
ऐ मेरे प्राण बता!
क्या भुला पाओगे?
तेरे घूँघट मे छुपी
जो रतनारी चितवन।
वे कपोलों पर बसी लाजभरी इक थिरकन।
मेरा अन्तर अकुलाती वो प्रिया प्रिया
की रटन।
ऐ मेरे प्राण बता!
क्या भुला पाओगे?
मेरे मन में जो लगी
इक अनोखी-सी अगन
मेरे मानस में बसी तेरे अधरों की
छुअन।
मेरा तन मन सिहराती तेरे श्वासों की
तपन।
ऐ मेरे प्राण बता!
क्या भुला पाओगे?
मेरे सपनों में बसी
तेरी मरमरी-सी बदन
स्याह अलकें छितराती छेड़ती मदमस्त
पवन।
मेरा अन्तर तड़पाती तुझे पाने की लगन।
ऐ मेरे प्राण बता!
क्या भुला पाओगे?
२ फरवरी २००९ |