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अनुभूति में क्षेत्रपाल शर्मा की रचनाएँ-

नए गीतों में-
गीत सुलह का गाया जाए
जब भी बही हवा पुरवाई
साँझ सकारे
हँसी तुम्हारी चंदा जैसी

गीतों में-
कुछ आगजनी कुछ राहजनी
तेरी याद जनम भर आए
पहलेवाली बात नहीं है
बदल जाए मौसम

 

साँझ सकारे

साँझ सकारे
नयन हमारे
पन्थ निहारे
सन सन रातों की

मैना गाये
गज़ल सुनाये
जल भर आये
टूटे नातों की

विरह चिरंतन
सजल घनाघन
टपटप आँगन
झर बरसातों की

पीर परायी
समझ न आई
स्वर शहनाई
दूर बरातों की

विस्मित धूनी
श्याम सलोनी
बस्ती सूनी
ढोल किरातो की

२९ जून २००९

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