अनूप अशेष
पूरा नाम अनूप सिंह बघेल। म. प्र. के सतना जिले के
गाँव सोनौरा में पिता स्व. लाल उदय सिंह के घर ७ अप्रैल १९४५ को जन्म। शिक्षा सतना
कालेज से हिंदी में एम. ए। डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित। उनके
विभिन्न आंदोलनों में कई बार लंबी जेल यात्राएँ। अब स्वतंत्र लेखन।
गत ४० वर्षों से राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं -
धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान, नया प्रतीक, कादंबिनी, रविवार,
साक्षात्कार, अक्षरा, गगनांचल, अक्षर पर्व, समकालीन हिंदी साहित्य, अवकाश, सांध्य
मित्रा, आकंठ, वागर्थ, नया ज्ञानोदय, परस्पर, अंतराल इत्यादि अन्य पत्रिकाओं में
बहुतायत से नव गीतों का प्रकाशन।
प्रकाशित कृतियाँ -
१ लौट आएँगे सगुन - पंछी। (नवगीत संग्रह)
२ वह मेरे गाँव की हँसी थी। (नवगीत संग्रह)
३ हम अपनी ख़बरों के भीतर।(नवगीत संग्रह)
४ अंधी यात्रा में (काव्य नाटक)
५ मांडवी कथा (नवगीत विधा में प्रथम प्रबंध-काव्य) तथा स्व. डॉ. शंभुनाथ सिंह
संपादित 'नवगीत दशक-२', "नवगीत अर्द्धशती" - में संकलित कवि।
शोध -
दिल्ली के अध्यापक सौरतन सिंह आज़ाद द्वारा "अनूप अशेष के नवगीतों का शिल्प
सौंदर्य" विषय में शोध ग्रंथ। अन्य शोधार्थियों द्वारा शोध आलेख प्रकाशित।
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अनुभूति में
अनूप अशेष की कविताएँ-
नए गीत-
आवाजों के खो जाने का दुख कितना
इतने बरसों बाद
एक चिड़िया आई
दस देहों की गंध
नदी बाढ़ के
परछाईं मछली की
बानी माँग रहे
सपने का
झुनझुना
सीढ़ी लगे उतरने
हरी घास पीली दूबों पर
गीतों में-
दिन चार ये रहें
दुख पिता की तरह
पत्तियों जैसा झरा
मकड़ी के जाले
संकलन में-
वसंती हवा – देह का संगीत
धूप के पाँव– कोई चिड़िया नहीं बोलती
दोहों में-
फागुनी दोहे
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