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अनुभूति में सुमित्रानंदन पंत की अन्य कविताएँ

अन्य छंदों में-
नहान
गंगा

द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्
मैं नहीं चाहता चिर सुख

सावन

गीतों में-
तप रे मधुर मधुर मन
भारतमाता ग्रामवासिनी
मोह
मौन निमंत्रण
बाँध दिए क्यों प्राण

छंदमुक्त में-
पाषाण खंड

जीना अपने ही में

संकलन में-
वसंती हवा- वसंत
वर्षा मंगल - पर्वत प्रदेश में पावस
मेरा भारत- १५ अगस्त १९४७
ज्योति पर्व- बाल प्रश्न
तुम्हें नमन- बापू के प्रति

 

भारतमाता ग्रामवासिनी

भारतमाता
ग्रामवासिनी

खेतों में फैला है श्यामल
धूल भरा मैला-सा आँचल
गंगा जमुना में आँसू जल
मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी,
भारतमाता
ग्रामवासिनी

दैन्य जड़ित अपलक नत चितवन
अधरों में चिर नीरव रोदन
युग-युग के तम से विषण्ण मन
वह अपने घर में प्रवासिनी,
भारतमाता
ग्रामवासिनी

तीस कोटी संतान नग्न तन
अर्द्ध-क्षुभित, शोषित निरस्त्र जन
मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन
नतमस्तक तरुतल निवासिनी,
भारतमाता
ग्रामवासिनी

स्वर्ण शस्य पर पद-तल-लुंठित
धरती-सा सहिष्णु मन कुंठित
क्रन्दन कम्पित अधर मौन स्मित
राहु ग्रसित शरदिंदु हासिनी,
भारतमाता
ग्रामवासिनी

चिंतित भृकुटी क्षितिज तिमिरान्कित
नमित नयन नभ वाष्पाच्छादित
आनन श्री छाया शशि उपमित
ज्ञानमूढ़ गीता-प्रकाशिनी,
भारतमाता
ग्रामवासिनी

सफल आज उसका तप संयम
पिला अहिंसा स्तन्य सुधोपम
हरती जन-मन भय, भव तन भ्रम
जग जननी जीवन विकासिनी,
भारतमाता
ग्रामवासिनी

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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