बोआई का गीत
गोरी-गोरी सौंधी धरती-कारे-कारे बीज
बदरा पानी दे!
क्यारी-क्यारी गूँज उठा संगीत
बोने वालो! नई फसल में बोओगे क्या चीज़?
बदरा पानी दे!
मैं बोऊँगा बीर बहूटी, इन्द्रधनुष सतरंग
नये सितारे, नयी पीढियाँ, नये धान का रंग
बदरा पानी दे!
हम बोएँगे हरी चुनरियाँ, कजरी, मेहँदी -
राखी के कुछ सूत और सावन की पहली तीज!
बदरा पानी दे!
१४ जुलाई २००८
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