अनुभूति में
डा. सुदर्शन प्रियदर्शिनी
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सल्तनत
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भय
अक्सर
जिंदगी में
कट पिट कर...
छिटपुट खुशियाँ आती हैं
जो किसी उम्र के छोर पर
हमारा तन मन
हुलसा देती हैं।
पर उम्र भर
उन को न पा सकने का भय
या पाकर खो देने का डर
पा लेने के सुख से
ज्यादा डस लेता है।
२९
मार्च
२०१० |