अनुभूति में
महावीर शर्मा की रचनाएँ-
नई ग़ज़लें-
अदा देखो
जब वतन छोड़ा
दिल की ग़म से दोस्ती
भूलकर ना भूल पाए
सोगवारों में
अंजुमन में-
अधूरी हसरतें
ग़ज़ल
ज़िन्दगी से दूर
पर्दा हटाया ही कहाँ है?
प्रेम डगर
बुढ़ापा
ये ख़ास दिन
कविताओं में-
दो मौन
संकलन में-
दिये जलाओ- दीप जलते रहे
चराग
आँधियों में
मौसम-भावनाओं
के मौसम
फागुन के
रंग-होली का संदेशा
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ये ख़ास दिन
ये ख़ास दिन है प्रेमियों का, प्यार की बातें करो
कुछ तुम कहो कुछ वो कहें, इज़हार की बातें करो
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जब दो दिलों की धड़कनें इक गीत-सा गाने लगें
आँखों में आँखें डाल कर इक़रार की बातें करो
1
ये कीमती-सा हार जो लाए हो वो रख दो कहीं
बाहें गले में डाल कर, इस हार की बातें करो
1
जिसके लबों की मुस्कुराहट ने बदल दी ज़िंदगी
उस गुलबदन के होंट औ रुखसार की बातें करो
1
अब भूल जाओ हर जफ़ा, ये प्यार का दस्तूर है
राहे-मुहब्बत में वफ़ा-ए-
यार की बातें करो
09 फरवरी 2007 |