क्या इशारे हो गए
थी जुबाँ पर बात क्या, और क्या
इशारे हो गए
कुछ भँवर में रह गए, और कुछ किनारे हो गए।
वो खुद का ख़त लिए हाथों में,
चिल्लाने लगा
एक दीवाने के पीछे लोग सारे हो गए।
चार पल का फ़ैसला भी खुद न कर
पाए तो क्या
लड़ गए किस्मत से और किस्मत को प्यारे हो गए।
वहशती ताक़त-परस्ती उस सियासत
का उसूल
हम हुए बरबाद, उनके काम सारे हो गए।
जंग जन्नत में हुई थी किन्नरों
के बीच भी
कुछ ज़मीं पर गिर गए, और कुछ सितारे हो गए।
कुछ तो टूटा है हमारे बीच की
टकराव में
इक नहर निकली है, देखो वो किनारे हो गए।
9 सितंबर 2007 |