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बिंदु भट्ट

जन्म: राँची, झारखण्ड, 1951
कार्यक्षेत्र: लायब्रेरियन - आजकल कोलम्बिया युनिवर्सिटि, न्यू योर्क में साउथ एशियन स्ट्डीज़ लायब्रेरियन हूँ।
लिखना बचपन से प्रिय रहा है. लिखती हूँ, क्योंकि लिखा जाता है। कविताएं स्कूल कालेज की पत्रिकाओं में, साप्ताहिक 'धर्मयुग" में. डा. अन्जना संधीर द्वारा संपादित 'प्रवासिनी के बोल" तथा' सृजनगाथा" में छपी हैं। कुछ गुजराती और अँग्रेज़ी में भी लिखा है। वैसे मैं सोचती हिन्दी में ही हूँ.

ई मेलः bindu.bhatt@gmail.com

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तीन छोटी कविताएँ- दिशा मौत हृदय-दर्पण
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कविताओं में
खुद को परखना
जीना टुकड़े टुकड़
दो छोटी कविताएँ

भोले चेहरे
मैं
वसंत
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