अनुभूति में
विश्वमोहन तिवारी की रचनाएँ —
छंदमुक्त में-
अट्टादहन
आज जब अचानक
आत्मलिप्त
एकलव्य
कंचनजंघा
बंधुआ मज़दूर
बेघर
लहरें
क्षणिकाओं में-
आस्था, पोपला, सुधी पाठक, खौफ, कार्गिल
की जीत
संकलन में-
गाँव में अलाव-
शरद
की दोपहर
प्रेमगीत–
जवाकुसुम
गुच्छे भर अमलतास–
जेठ का पवन
–ग्रीष्म
की बयार
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आत्म लिप्त
एयरपोर्ट के भरे प्रतीक्षागार
में
कृष्ण का चित्र देखते ही
एक बालक
हाथों को बाँसुरी की मुद्रा दे
नाचने लगता है
उसे देखकर
उसकी माँ के सिवाय
कोई भी नहीं मुस्कुराता
२० जनवरी २००२
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