नेता जनता और नेता
इतना घनघोर अंधेरा
और यत्र फाँसी के फन्दे
कितने ही कमज़ोर नज़र के
कितने आँखों के अंधे
रुकना झुकना था नहीं जहाँ
कोई वहीं अटक गया
यहाँ वहाँ किसी न किसी फन्दे में
कोई कहीं लटक गया
ऊँच नीच मध्यम राजा रंक भिकारी
धरम करम जाति पांति शत शत नामधरी
खण्ड खण्ड भूखंड में
भारत एक अखंड है
अखंड मानवता ही
मूर्तिमंत भारत माता है।
२० जुलाई २००९ |