अनुभूति में
सुकीर्ति गुप्ता की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
एक त्रासदी
चाहत
प्रेम
फुर्सत नहीं
बौराए से दिन
संबंध
स्त्री का एक गीत |
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संबंध
संबंधों की पुस्तक पर
समय की गर्द जम गई है
इस नन्ही पुस्तक के कोमल उजले पृष्ठ
न जाने कितने अनकहे, अनचीन्हे
अनजान दराजों में बंद है
दुनिया की शोख नजरों से
जब-तब आँचल में छिपा लेती
स्नेह का अंकुर फूट
मदमाती बौरायी गंध देता
पर, काल की सर्वग्रासी आँखें
उन पर पथरा गई हैं
अब, प्रेरणा देने वाली रागिनी
मन को बहाने वाली काव्य- धारा
या, दर्पण सी कहानी नहीं है
जिसने खुद देखने की इच्छा
बार-बार जागती
अब वह ठहरा इतिहास है
जिसकी स्मृति सौध के नीचे
कुछ क्षण खामोश रह
शांति का अनुभव किया जाए
या, एक गुनगुनाहट भरी प्रार्थना।
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