अनुभूति में
सत्येश भंडारी
की
रचनाएँ -
चुनाव कविताएँ-
कार और सरकार
प्याज और चुनाव
हास्य व्यंग्य में-
असली नकली दूध
इंटरनेट पर शादी
अँधेर नगरी और पर्यावरण
जंगल का चुनाव
पर्यावरण और कुर्सी
छंदमुक्त में-
अंधा बाँटे रेवड़ी
एक क्रांति का अंत
"गाँधी का गुजरात" या "गुजरात का
गाँधी"
संकलन में-
गाँव में अलाव-सर्द हवाओं के बीच
ज्योति पर्व-क्यों कि आज दिवाली है
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असली नकली दूध
थोड़ा यूरिया
थोड़ा साबुन का पानी, और
कुछ कैमिकल्स
लो दूध तैयार
सब हैरान और परेशान
दूध का स्वाद
मलाई, मक्खन और
दही भी तैयार
मगर अफसोस!
इतनी बड़ी खोज का
खोजकर्ता
बड़े घर का मेहमान
कोई कद्र नहीं
इतने बड़े आविष्कार की?
अगर यही खोज
अमरीका में
बड़ी बड़ी प्रयोगशालाओं में बैठकर
किसी विदेशी वैज्ञानिक ने की होती
तो कम से कम वह इस सदी की
महानतम खोज के लिये
नोबेल पुरस्कार से
सम्मानित होता। |