अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में संतोष गोयल की रचनाएँ -

छंदमुक्त में-
आज का सच
गर्मी का मौसम
चक्रव्यूह
जादुई नगरी में
जो चाहा
बच्चों ने कहा था
मरना
मेरा वजूद
युद्ध
साँस लेता इंसान

क्षणिकाओं में
फैसला
प्यास

संकलन में
गुच्छे भर अमलतास- पतझर

  साँस लेता इन्सान

आज का नहीं
आदिम निणर्य है
ये तो
कि जानवर इन्सान को देखकर
या कि इन्सान जंगल में घुस कर
खतरे का अहसास करने लगता है
और यह खतरा ही
युद्ध की शक्ल अख्तियार करने लेता है
फिर न जानवर जानवर होता है
न इन्सान इन्सान।
बस
बच रहता है मात्र युद्ध बना वर्तमान
जिसका अन्त हमेशा ही आतंक फैलाने
या आतंकित होने से होता है।
पैसे और पॉवर का `प' बहुत पावरफुल है
तभी तो नहीं खत्म होती कथा
इन्हें पा लेने भर से।
पैसा शोभा यात्रा सा दीखाता है खुद को
नाच नाच कर
तमाशबीन बना
न देखने वाले को सज़ा तज़वीज करता
और
न मानने पर
फैलाता आतंक की धुन्ध और धुआँ
आखिर
आतंक के शस्त्र खरीद सकने की ताकत पाया वह
क्यों न जीये एक बादशाहत।
पैसे के बल पर पाई बादशाहत ही
बन जाती है वह विस्फोटक पदार्थ
जिसके फट पड़ने पर
निकल पड़ते हैं
भय के सैंकड़ो कनखजूरे
जो सीधा घुस पड़ते है मन के भीतर
अपना समूचा ज़हर फैलाते
और सुनने की ताकत को सुन्न करते हुए।
लगता है
हम सब मरे हुए
शमशान में उघड़ी लाशो से पड़े लोग हैं
जिन्हें अपनी मौत
अपनी आँखों से देखने की यातना भोगनी ही होगी
क्योंकि
सामने दीखती रहती है
चारों ओर फैली भय की गहरी काली चादर
जो धीरे धीरे आसमान तक पहुँच कर
काले सायों में बदल जायेगी।
इन काले सायों के बीच
साँस लेता इन्सान
खुद को कब तक समझता रहेगा जिन्दा
आखिर उसे कुछ फैसला तो करना ही होगा।

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter