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नववर्ष अभिनंदन-नव स्वर देने को

 

पीपल अनमोल
 


तरु पावन
साँसों को धड़कन
पीपल देता
वनो के तीरों पर
हरियाली फैला के


अमृत देता
पीपल का सागर
साँसों की गागर
जब भरता
धरती महकती
कोयल चहकती



पीपल गात
नहीं पूछता कभी
जन की जात
प्राण वायु है देता
है अमूल्य सौगात


दिन ओ रात
पीपल की शाखाएँ
करतीं बात
नहीं पूछतीं कभी
जन की यह जात

२५ अगस्त २०१४

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