अनुभूति में
डा. सरस्वती माथुर की रचनाएँ -
नई रचनाओं में-
पीपल अनमोल ताँका
हाइकु में-
सर्द दिन
माहिया में-
धूप छाँह सा मन
छंदमुक्त में-
खेलत गावत फाग
गुलाबी अल्हड़ बचपन
मन के पलाश
महक फूलों की
माँ तुझे प्रणाम
क्षणिकाओं में-
आगाही
एक चट्टान
संकलन में-
वसंती हवा-फागुनी आँगन
घरौंदा
धूप के पाँव-अमलतासी धूप
नववर्ष अभिनंदन-नव स्वर देने को
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पीपल अनमोल
१
तरु पावन
साँसों को धड़कन
पीपल देता
वनो के तीरों पर
हरियाली फैला के
२
अमृत देता
पीपल का सागर
साँसों की गागर
जब भरता
धरती महकती
कोयल चहकती
३
पीपल गात
नहीं पूछता कभी
जन की जात
प्राण वायु है देता
है अमूल्य सौगात
४
दिन ओ रात
पीपल की शाखाएँ
करतीं बात
नहीं पूछतीं कभी
जन की यह जात
२५ अगस्त २०१४
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