मेहनत का पैगाम
मेहनत का पैगाम बड़ा है।
अपना-अपना काम बड़ा है।
जिसका है आगाज़ मुख्तसर,
पाओगे अंजाम बड़ा है।
जहाँ मिलेंगे दर्शन छोटे,
पता चलेगा नाम बड़ा है।
मरने की हर चाह हैं छोटी,
जीने का संग्राम बड़ा है।
दुनिया हो जितनी आकर्षक,
अपने लिए तो राम बड़ा है।
१६ अक्तूबर २००५
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