जीना?
सब चाहते हैं लंबा जीना
मैं चाहता हूँ सबसे लंबा
पर जब चढ़ना हो जीना
जान निकल जाती है सबकी
जीना चाहे छोटा ही हो
प्रेम और अर्थभरा हो
न सिर्फ़ निरर्थक बहा हो
छोटा जीना सुखद धरा हो
जीना सिर्फ़ उतना ही जीना
जितना जीना उमंग भरा हो
ऐसा जीना भी क्या जीना
जो लंबा हो, कष्ट भरा हो
मुझको राज दिलों पर करना
जीवन में उल्लास है भरना
कष्टों से कभी नहीं डरना
तिल-तिल करके नहीं है मरना
आँखों से अपनी नहीं गिरना
किसी की आँखों में नहीं चढ़ना
सदा सच्ची-सच्ची बातें करना
दुखी कभी किसी को न करना
9 जुलाई 2007
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