गरमी की दवा
पानी है हवा है गरमी की दवा है
पारा बेपनाह है मौसम शहंशाह है
निकलना गुनाह है ठंडी की चाह है
सरकारी गवाह है गरमी भरी राह है
गरमी दुख है ठंडी में घोर सुख है
कुल्फी रबड़ी का ही आनंद मुख है
कर्कश काँव है मीठी कूक है
चुभती गर्मी तीखी तेज़ धूप है
गरमी आह है ठंडी अहा है
कर उठा हर शख़्स वाह है
वाह वाह में छिपी हवा है
ठंडी हवा गरमी की दवा है
9 जुलाई 2007
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