विज्ञानव्रत
१७ अगस्त १९४३ को गाँव तेड़ा,
मेरठ (उ.प्र.) में जन्म। आगरा वि.वि. से ड्राइंग तथा पेंटिंग में एम.ए.। चित्रकला
एवं ग़ज़लों में गहरी रुचि। छोटी बहर की ग़ज़लों में सिद्धहस्त। जगजीत सिंह और धनंजय कौल द्वारा ग़ज़लों का गायन। 'वापसी' धारावाहिक में
अभिनय एवं थीमसांग का लेखन। दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, इलाहाबाद में एकल चित्र
प्रदर्शनियाँ। चित्रकला की विभिन्न सामूहिक प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं आदि में
हिस्सेदारी। राज्य ललित कला अकादमी के वर्ष २००५ के पुरस्कार से सम्मानित।
प्रकाशित कृतियाँ-
गजल संग्रह-
धूप बाहर खड़ी है, चुप की आवाज़, जैसे कोई लौटेगा, तब तक हूँ।
दोहा संग्रह-
खिड़की भर आकाश। |
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अनुभूति में
विज्ञानव्रत
की रचनाएँ-
नई रचनाओं में-
उनसे मिलने जाना है
दिल भी वो है
मेरे सपनों का किरदार
मैं हूँ तेरा नाम पता
या तो हमसे
अंजुमन में-
एक सवेरा साथ रहे
जैसे बाज़ परिंदों में
तनहा क्या करता
तपेगा जो
तुमने जो पथराव जिये
तेरा ही तो हिस्सा हूँ
बच्चे
मैं था तनहा
रस्ता तो इकतरफ़ा था
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