नई रचनाओं में- उनसे मिलने जाना है दिल भी वो है मेरे सपनों का किरदार मैं हूँ तेरा नाम पता या तो हमसे
अंजुमन में- एक सवेरा साथ रहे जैसे बाज़ परिंदों में तनहा क्या करता तपेगा जो तुमने जो पथराव जिये तेरा ही तो हिस्सा हूँ बच्चे मैं था तनहा रस्ता तो इकतरफ़ा था
एक सवेरा साथ रहे
एक सवेरा साथ रहे कोई बच्चा साथ रहे।
एक भरोसा साथ रहे कोई घर का साथ रहे।
वक़्त बुरा है ऐसे में कोई अपना साथ रहे।
जब खुद को ताबीर करूँ तेरा सपना साथ रहे।
मैं तनहा लौटा आख़िर कोई कितना साथ रहे।
२८ सितंबर २००९
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