| जैसी भी तमन्ना हो 
                  जैसे भी तमन्ना हो वैसी ही सजा 
                  दीजेकुछ और न कर पाओ मरने की दुआ दीजे
 तुम मेरे हो, अपने हो, इतना तो 
                  भला कीजेइन साँसों के पिंजरे से पक्षी को उड़ा दीजे
 तुम प्यार के मन्दिर हो कुछ और 
                  ना माँगेंगेजितना भी हँसाया है उतना ही रूला दीजे
 हमने भी बहारों के गाए थे तराने 
                  कुछउजड़े हुए गुलशन को इतना तो बता दीजे
 तुमने भी पढ़ा होगा इस दिल पे 
                  लिखे खत कोगर रास न आया हो, चुपचाप जला दीजे
 डूबा है 'रमा' कोई एहसास के 
                  सागर मेंपाना है अगर उसको, ध्यान उसमें रमा दीजे
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