अनुभूति में
नरेश सोनी की रचनाएँ—
नई रचनाएँ-
जी करता है
तेरे बिन
बहन की याद
मुसकुराना मत छोड़ना
वो छोटा सा पत्थर
कविताओं में-
चेहरों के पीछे
ये शहर
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मुसकुराना मत छोड़ना
तुम रूठ भी जाओ तो कोई ग़म नहीं
पर यूं नज़रें मिलाना मत छोड़ना
गर हो कोई ग़म मुझको दे दो सनम
कि तुम मुसकुराना मत छोड़ना
तुम भूल भी जाओ तो कोई ग़म नहीं
पर मुझे याद आना मत छोड़ना
तुम दूर भी जाओ तो कोई ग़म नहीं
कि ख़्वाबों में मेरे आना मत छोड़ना
तुम जहां भी रहो जब आवाज़ दूँ तुमको
ठहर के पीछे देखना मत छोड़ना
अश्कों से तेरा टूटे हर नाता ऐ हमदम
पर मुझे याद करके रोना मत छोड़ना
ये और बात है कि हरदम पास पाओगे
पर मिलने की दुआ करना मत छोड़ना
गर हो कोई गम मुझको दे दो सनम
कि तुम मुसकुराना मत छोड़ना
24 जून 2007 |