अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में नरेश सोनी की रचनाएँ—

नई रचनाएँ-
जी करता है
तेरे बिन
बहन की याद
मुसकुराना मत छोड़ना

वो छोटा सा पत्थर

कविताओं में-
चेहरों के पीछे
ये शहर




 

चेहरों के पीछे

उसके हर चेहरे पे मुझको
इक नया चेहरा मिला
हर नए चेहरे में भी तो
मुझको वो दोहरा मिला

पुकार के छिपने की आदत
उसकी ये अच्छी नहीं
आवाज़ के पीछे गया पर
मुझको तो कोहरा मिला

पानी पे यों ही खींच कर
लिक्खा था नाम उसका
नाम कैसे मिट गया जब
पानी ही ठहरा मिला

तिश्नगी आवारगी
मेरा मुकद्दर बन गई
मुझको तो दरिया के भीतर
भी सदा सेहरा मिला

उसके हर चेहरे पे मुझको
इक नया चेहरा मिला

9 नवंबर 2005

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter