अनुभूति में
परमजीत कौर रीत की रचनाएँ-
क्षणिकाओं में-
रिक्त स्थान- चार क्षणिकाएँ
नये माहिया में-
खुश्बू का हरकारा
अंजुमन में-
कहीं आँखों का सागर
कहीं मुश्किल
कोई दावे की खातिर
रोटी या फूलों के सपने
हिज्र में भी गुलाब
माहियों में-
माहिये
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रिक्त स्थान- चार क्षणिकाएँ
रिक्त स्थान -१
विज्ञान कहता है
कोई जगह रिक्त नहीं होती
जहाँ कुछ नहीं हो
वहाँ हवा है ।
हमारे बीच प्यार था
अब ...बस हवा है
रिक्त स्थान -२
कोई पद रिक्त नही रहता
कर दी जाती है नई नियुक्ति
पदोन्नति या
कार्यवाहक व्यवस्था
लेकिन रिश्ते पद तो नहीं होते ?
रिक्त स्थान -३
दो-तीन दाँतों के बीच
थोड़ी सी रिक्तता पाकर
अतिक्रमण करके
उग आता है जब एक और
तो उन्हें एक दूसरे से दूर धकेल देता है ।
दूरियाँ ऐसे ही नहीं बनती हैं
रिक्त स्थान -४
ज़िन्दगी के प्रश्न पत्र में
रिक्त स्थानों की पूर्ति करना
आया ही नहीं
सटीक उत्तर ढूँढने में
बहुत से स्थानापन्न मिले
लेकिन मूल तो मूल है
उसका स्थान कहाँ कोई ले सकता है।
१ मई २०२३ |