अशोक
चक्रधर
जन्म : 8 फरवरी 1951, खुर्जा (उ.प्र.)
में।
शिक्षा : एम.ए., एम.लिट., पी-एच.डी. (हिंदी), 'कैरिअर अवार्ड', उत्तर
पी-एच.डी. शोध-कार्य (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)
संप्रति : प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी एवं मिडिया अध्ययन विभाग, जामिआ
मिल्लिआ इस्लामिया (केंद्रीय विश्वविद्यालय) नई दिल्ली।
प्रकाशित रचनाएँ -
- बूढ़े बच्चे, भोले भाले, तमाशा, चुटपुटकुले, सो तो है, हँसो और
मर जाओ, ए जी सुनिए, इसलिए बौड़म जी इसलिए, खिड़कियाँ,
बोल-गप्पे, जाने क्या टपके, देश धन्या पंच कन्या, चुनी चुनाई,
सोची समझी।
नाटक - रंग जमा लो, बिटिया की सिसकी, बंदरिया चली ससुराल, जब रहा न कोई
चारा, लल्लेश्वरी।
इसके अतिरिक्त बाल साहित्य, प्रौढ़ एवं नवसाक्षर साहित्य,
समीक्षा, अनुवाद, काव्यानुवाद, पटकथा आदि अनेकों विधाओं में
लेखन। फ़िल्म, टेलीफ़िल्म, वृत्तचित्र, धारावाहिक, फीचर फ़िल्म व
दूरदर्शन में लेखन, निर्देशन व अभिनय के साथ-साथ कविसम्मेलनों के
अत्यंत लोकप्रिय व्यक्तित्व।
आप सिडनी यूनिवर्सिटी, सिडनी, आस्ट्रेलिया में
विज़िटिंग स्कॉलर, संचालन समिति, हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार,
गवर्निंग बॉडी, शहीद भगत सिंह कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय,
दिल्ली व सांस्कृतिक सचिव, ब्रज कला केंद्र, दिल्ली के सदस्य,
काका हाथरसी पुरस्कार ट्रस्ट, हाथरस के ट्रस्टी तथा हिंदी
सलाहकार समिति, ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, हिमाचल कला संस्कृति
और भाषा अकादमी, हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला के भूतपूर्व सदस्य
के पदों को सुशोभित कर चुके हैं।
www.chakradhar.com पर उनके जालघर की यात्रा की जा सकती
है।
मंच मचान
भारतीय वाङमय की वाचिक परंपरा पर अशोक चक्रधर का धारावाहिक आलेख रोचक
संस्मरणों के साथ अभिव्यक्ति में
ई मेल :
baudamji@hotmail.com
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अनुभूति में
अशोक चक्रधर की रचनाएँ-
नयी रचनाएँ-
कम से कम
कौन है ये जैनी
तो क्या यहीं?
नया आदमी
फिर तो
बौड़म जी बस में
ससुर जी उवाच
सिक्के की औक़ात
होली में-
होरी सर र र
कविताओं में-
बहुत पहले से भी बहुत पहले
हास्य व्यंग्य में-
गति का कसूर
ग़रीबदास का शून्य
जंगल गाथा
तमाशा
समंदर की उम्र
हँसना रोना
हम तो करेंगे
और एक पत्र - फ़ोटो सहित
स्तंभ-
समस्यापूर्ति
संकलन में-
नया साल-सुविचार |