डॉ रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर'
जन्म : ५ जुलाई
१९४९ फिरोज़ाबाद, जनपद (उत्तर प्रदेश,
भारत) गाँव तिलोकपुर।
शिक्षा :
एम.ए., पीएच.डी., डी.लिट. हिंदी
कार्यक्षेत्र : एस.आर.के. (पी.जी.) कालेज, फिरोज़ाबाद (डा.
बाबासाहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से संबंध) के शोध एवं
स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में रीडर– प्राध्यापक, गीतकार, कवि,
लेखक, कहानीकार, व्यंग्यकार व शोध निदेशक।
प्रकाशित कृतियाँ :
१. मन पलाशवन और दहकती संध्या (नवगीत व ग़ज़ल
संग्रह १९८९)
२. गलियारेगंध के (प्रणय परक नवगीत संग्रह)
३. पाँखुरी–पाँखुरी (मुक्तक संग्रह २०००)
४. सीप में समंदर (ग़ज़ल संग्रह २०००)
५. समकालीन हिंदी गीति काव्य (१९७०–१९९५) "संवेदना और शिल्प"
(शोध प्रबंध)२००६
६. मेले में यायावर (गीत संग्रह २००६)
अन्य साहित्यिक कार्य – ६५
संपादित कृतियों में लेखन सहभागिता, राष्ट्रीय तथा
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की असंख्य पत्र–पत्रिकाओं में सहस्राधिक
रचनाओं का प्रकाशन, ६ महत्वपूर्ण ग्रंथों का संपादन, आकाशवाणी
के आगरा, दिल्ली, मथुरा केंद्रों से रचनाओं का प्रसारण,
शोध–निदेशन में ३२ शोधार्थियों को पीएच.डी. प्राप्त, ७ अभी भी शोधरत।
संप्रति : भारतवर्ष में रहकर महाविद्यालय में सेवारत तथा निरंतर
साहित्य–साधना में सक्रिय।
रुचियाँ : स्वाध्याय(इतिहास व दर्शन के ग्रंथों का अध्ययन),
भ्रमण, समान रुचि के लोगों से मित्रता।
उपाधियाँ व सम्मान : 'साहित्य वाचस्पति'(अखिल भारतीय ब्रज साहित्य संगम), गीत श्री,
सहस्राब्दी हिंदी सेवी, गीत विहग आदि।
ईमेल : dr_yayavar@yahoo.co.in
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