अनुभूति में नितिन जैन की रचनाएँ-
अंजुमन
में-
अच्छी खबर कोई
गीत पतझड़ हुए
दूरियाँ
कम हुईं
न
चिट्ठी न पाती
रास्ते
मुश्किल बहुत
गीतों में-
अखंड है भारत देश
अश्रुओं के वेग से
एक आशा की किरण
छँट गए बादल
नेह के दीपक जलाएँ
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रास्ते मुश्किल बहुत
रास्ते मुश्किल
बहुत मंजिल चलो आसन ढूँढें।
पोतकर पत्थर कोई अपने लिए भगवान ढूँढें।।
क्या करें माँ बाप भी पैकेज की मजबूरियाँ हैं
हैं अकेले घर में बच्चे पल दो पल मुस्कान ढूँढें।।
औपचारिक हो गए कितने जरा हम सोचिये तो
दे सकें इक दूसरे को आज वो सम्मान ढूँढें।।
ईंट गारे की जुडाई में हुए पत्थर से हम तो
घर बनाने को चलो हम गाँव में सामान ढूँढें।।
राजनीती में उलझकर रह गई हैं आस्थाएँ
खो चुकी उन्माद में इन्सान की पहचान ढूँढें।।
५ अगस्त २०१३
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