अनुभूति में नितिन जैन की रचनाएँ-
अंजुमन में-
अच्छी खबर कोई
गीत पतझड़ हुए
दूरियाँ
कम हुईं
न
चिट्ठी न पाती
रास्ते
मुश्किल बहुत
गीतों में-
अखंड है भारत देश
अश्रुओं के वेग से
एक आशा की किरण
छँट गए बादल
नेह के दीपक जलाएँ
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छँट गए बादल
छँट गए
बादल दुखों के
नेह से जब
माँ ने सिर पे हाथ फेरा...
सारी दुनिया
थक गई हो
माँ कभी थकती नहीं
दुनिया सारी
रुक गई हो
माँ कभी रुकती नहीं
आशा बन माँ
सामने थी
जब जब निराशा
ने है घेरा...
माँ के आँचल में समाई
इस जहाँ
की खुशियाँ सारी
गोद में सर
रख दिया बस
उतरा मन का बोझ भारी
माँ की ममता से ही घर में
होता है
सुख का सवेरा...
११ फरवरी २०१३
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