अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में नितिन जैन की रचनाएँ-


अंजुमन में-
अच्छी खबर कोई
गीत पतझड़ हुए

दूरियाँ कम हुईं
न चिट्ठी न पाती
रास्ते मुश्किल बहुत

गीतों में-
अखंड है भारत देश
अश्रुओं के वेग से
एक आशा की किरण
छँट गए बादल
नेह के दीपक जलाएँ

`

अच्छी खबर कोई

अच्छी खबर कोई छपी है आज के अख़बार में।
या देश की दुर्गत लिखी है आज के अख़बार में।।

बेटा कलंकित कर दिया क्यूँ आज तूने कोख को
इक माँ बिचारी रो रही है आज के अख़बार में।।

दंगों घोटालों ने जगह ली आजकल मुखपृष्ठ पर
कार्टून में बस आदमी है आज के अख़बार में।।

जो कल तलक ये कह रहे थे नाम में है क्या रखा
उनकी कलर फोटो छपी है आज के अख़बार में।।

हर पेज पर विज्ञापनों की भीड़ इतनी हो गई
सम्पादकीय सूना पड़ा है आज के अख़बार में।।

५ अगस्त २०१३

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter