अनुभूति में
कृष्ण भारतीय की
रचनाएँ-
गीतों में-
बूढ़ा बरगद इतिहास समेटे बैठा है
मर जाने का दिल करता है
रामरती ने हाट लगायी
लूट खसूट मचा रखी है
सौंधी मिट्टी के गाँव
हैं जटायु से अपाहिज हम
|
|
सौंधी मिट्टी के गाँव
पत्थर के शहरों से अच्छे थे
सौंधी मिट्टी के गाँव!
आशीषों के जुम्मन काका
नेह लुटाती ताई थी
हँसी ठिठोली वाले भइया
लाड़ भरी भौजाई थी
तपती सड़कों से प्यारे थे
वो रोड़ी गिट्टी के गाँव!
तरसी आँखों से बहते थे
गंगाजल वाले झरने
दिल में मिश्री जैसी बोली
घुलती थी हलचल करने
बडे नेह से बाँचा करते प्यार
पगी चिट्ठी के गाँव!
१ फरवरी २०१७
|