शिवमंगल सिंह
'सुमन'
जन्म : ५ अगस्त १९१५ को
ग्राम झगरपुर जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश में।
शिक्षा : बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. पीएच.डी.
कार्यक्षेत्र : अनेक अध्ययन संस्थाओं विश्वविद्यालयों तथा
हिन्दी संस्थान के उच्चतम पदों पर कार्य किया तथा अनेक देशों की
यात्रा।
१९७४ में 'मिट्टी की बारात' पर
साहित्य अकादमी तथा १९९३ में भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित।
१९७४ भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित।
प्रमुख कृतियाँ :
काव्यसंग्रह: हिल्लोल, जीवन के गान, युग का मोल, प्रलय सृजन,
विश्व बदलता ही गया, विध्य हिमालय, मिट्टी की बारात, वाणी की
व्यथा, कटे अगूठों की वंदनवारें।
आलोचना: महादेवी की काव्य साधना, गीति काव्य: उद्यम और विकास
नाटक: प्रकृति पुरुष कालिदास
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अनुभूति में
शिवमंगल सिंह 'सुमन' की रचनाएँ-
कविताओं में :
अंगारे और धुआँ
तूफ़ानों की ओर
चलना हमारा काम है
मेरा देश जल रहा
विवशता
सूनी साँझ
संकलन में-
वर्षा मंगल -
मैं अकेला और पानी बरसता है
प्रेमगीत - आँखें
नहीं भरी
गुच्छे भर अमलतास-
चल रही उसकी कुदाली
ज्योतिपर्व-
मृत्तिका
दीप
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