अनुभूति में सुमन
कुमार घई की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
कैसी वसंत ऋतु
खो चुका परिचय
चीत्कार
जीवन क्रम
प्रेम कहानी
प्रेम के दो भाव
मनदीप पुकार
मैं उसे ढूँढता हूँ
वह पेड़ टूट गया
क्षणिकाओं में-
वसंत
संकलनों में-
वसंती हवा-
काश मिलो तुम भी
धूप के पाँव-
गरमी की अलसाई सुबह
वर्षा मंगल–
सावन और विरह
गाँव में अलाव –
स्मृतियों के अलाव
गुच्छे भर अमलतास–
अप्रैल और बरसात
शुभकामनाएँ
नया साल–
नव वर्ष की मंगल वेला पर
–नव
वर्ष के गुब्बारे
जग का मेला–
गुड्डूराजा
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प्रेम कहानी
सहज सहज प्रेम कहानी चले
कभी बिन बोले सब बोलती हुई
नयनों से मन–ग्रन्थि खोलती हुई
कुछ अनकहे भाव‚ – कहे
सहज सहज प्रेम कहानी चले
कभी कली सी सकुचाई हुई
कभी चमेली सी महकाई हुई
वन में कोमल सुगंधित पवन चले
सहज सहज प्रेम कहानी चले
हर एक ताल में छिपी हुई
हर एक रागिनी में ढली हुई
मधुर जीवन संगीत अनन्त चले
सहज सहज प्रेम कहानी चले
हरी दूब पर मुक्ता–कण बिखरे
वर्षोपरान्त नीला नभ निखरे
मन मन्दिर में पावन ज्योति जले
सहज सहज प्रेम कहानी चले
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