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अनुभूति में सुमन कुमार घई की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
कैसी वसंत ऋतु
चीत्कार
जीवन क्रम
प्रेम कहानी
प्रेम के दो भाव
मनदीप पुकार
मैं उसे ढूँढता हूँ
वह पेड़ टूट गया

क्षणिकाओं में-
वसंत

संकलनों में-
वसंती हवा- काश मिलो तुम भी
धूप के पाँव- गरमी की अलसाई सुबह
वर्षा मंगल– सावन और विरह
गाँव में अलाव – स्मृतियों के अलाव
गुच्छे भर अमलतास– अप्रैल और बरसात
                  शुभकामनाएँ
नया साल– नव वर्ष की मंगल वेला पर
         –नव वर्ष के गुब्बारे
जग का मेला– गुड्डूराजा

 

जीवन क्रम

जीवन क्रम जारी है
धुएँ सा हल्का
शैतान की आँत सा फैला
सुबह नाश्ते की मेज़ से
रात के खाने तक
उधार के मुखौटों के पीछे
या
स्वयं की बनाई
रेल की पटरियों पर
भागना जारी है
जीवन क्रम जारी है

या
दूर अमराईयों से परे
नदी के तट पर
धूसर अजगर सी बल खाती
पगडंडी पर
फैला है जीवन
छोटी छोटी हँसती ठुनकती
इकाईयों में
भागते भागते कीचड़ में पाँव पड़ा
पड़ाच–––

वही खिलखिलाती हँसी
वही अन्यमनस्कता
और भागना जारी है
जीवन क्रम जारी है

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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