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छंमुक्त में-
कोमल मन
पाठशाला जाना है
मौसम के परिवर्तन
हो बहुत मुबारक नया साल

संकलन में
ज्योतिपर्व–शुभकामना
       –नन्हा दीपक
गाँव में अलाव– सर्दी तीन चित्र
शुभकामनाएँ– फागुन आया
पिता की तस्वीर– आपकी पितृछाया
नया साल– हो बहुत मुबारक नया साल
         आलोकित हो नया साल
जग का मेला– कुक्कूं मुर्गा
ममतामयी– माँ एक याद
काव्यचर्चा में-
सिर्फ एक कोशिश



 

 

हो बहुत मुबारक नया साल

पहने सपनों की विजय माल
हो बहुत मुबारक नया साल
नये साल की नयी किरन
सब गान मधुर पावन सुमिरन

सब नृत्य सजे सुर और ताल
हो बहुत मुबारक नया साल

फिर से उम्मीद के नये रंग
भर लायें मन में नित उमंग

खुशियाँ ही खुशियाँ बेमिसाल
हो बहुत मुबारक नया साल
उपहार पुष्प मादक गुलाब
मीठी सुगंध उत्सव शबाब

शुभ गीत नृत्य और मधुर ताल
हो बहुत मुबारक नया साल

२४ अक्तूबर २००५

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