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गाँव में अलाव
जाड़े की कविताओं को संकलन

गाँव में अलाव संकलन

हाथ में प्याला

          मधुर मौसम
चलता मगन
राह पर कोई
पहन कर घूमे
धूप का कंगन
खुले खिड़की तो
दौड़ कर आये
ठंडी पवन
छूटे कंपकंपी
रात भी सिमटे
बाँचे बचपन
हाथ में प्याला
धीरे धीरे
सेके तनमन।

- संगीता गोयल

   सर्दीः तीन चित्र

चाँदनी ठंडी रातों में
कहीं दूर, लम्बे रास्तों पर
कोहरे में डूबे
सिहर उठे हैं सर्दी में।

शरद का सुहावना दिन
गुनगुना सूरज
गरमाहट की आस लिये
घर का यह एकांत कोना।

जादू सी धूप
पल में आये पल में जाये
थरथराती सिकुड़न में
प्याला भर चाय।

- संध्या

 

  

 

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