अनुभूति में डॉ
भावना कुँअर की रचनाएँ-
नए हाइकु-
गर्मी के दिन
हाइकु में
बम विस्फोट और सुनामी
नभ, चाँद और रास्ता (हाइकु में)
तीन छोटी कविताएँ
दो होली गीत
संकलन में-
गुलमोहर-
गुलमोहर हाइकु
जग का मेला-तीन
शिशुगीत
तितली रानी
मकड़ी
नया साल-
प्यार
के छींटे
नया साल
अमलतास-
साँसों में
अमलतास
शुभ दीपावली-
दीवाली हाइकु
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तीन छोटी कविताएँ
1- भ्रमण
गर्व न कर, गर तू बड़ा है
भले ही तू पर्वत की तरह खड़ा है
तुझसे तो चींटी भली है
जिसको भ्रमण तो मिला है।
2- उड़ान
पक्षी उड़ा और उड़ा फिर उड़ गया
गिरा रुका और फिर गिर गया
मिला क्या उड़ान भरने में
जो कुछ था, वो तो वहीं रह गया
3- अस्तित्व
उड़ रही हैं तितलियाँ पुरज़ोर से
कहीं हवाएँ चल रहीं होंगी शायद
पर कैसी हैं ये हवाएँ?
जिन्होंने नोच डाला है पंखों को इनके
मिटा डाला है रंगत को भी
तहस नहस कर डाला
अस्तित्व को इनके।
9 फरवरी 2006
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