बात खत्म नहीं होती
बात खत्म नहीं होती कभी मेरे दोस्त
रहती है वह
जैसे खूब खुरहुरिया में भी खेतों में नमी
कुएँ में पानी
और आसमान के भीतरी तहखाने में बारिश की एक बूँद
तुम एक बार खुद को टटोलो
मेरे साथी कह दो
जो तुम्हारे लहू में कब से कैद है
तुम देखोगे
कि तुम्हारा एक नया जन्म हो रहा है
तुम्हारे ही अन्दर
एक नए युग की हो रही शुरूआत
१९ सितंबर २०११ |