अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में तेजराम शर्मा की रचनाएँ-

 

कविताओं में-
अकेलापन
ऐनक
फ़ोटो
बहुत दूर
वरना वह भी
सागर का रंग
 

  बहुत दूर

क्षितिज
नहीं अंटता कविता में
न ही आकाश
न पृथ्वी
जो अंटता है
शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध
वह इन्द्रियों की पकड़ में नहीं आता
सहृदय
जहाँ है
वहाँ सुबह की खाट पर
बिछे हैं समाचार
उनींदी आँखों में
देर रात के कार्यक्रमों के सपने
दूर है रे क्षितिज
आकाश दूर है
पृथ्वी भी बहुत दूर

१२ जनवरी २००९

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter