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अनुभूति में शरद पटेल की रचनाएँ

कविताओं में-
उम्मीद
तिमिर
तुम
नये पैगाम
क्षितिज से परे

संकलन में
गुच्छे भर अमलतास- बूढा लकडहारा

  तिमिर

तिमिर में खुले
जीवन के चक्षु
पुंज की
अभिलाषा लिये
दोष नहीं तुम्हारा
यदि जीते हो
तुम एक आशा लिये
अनदेखा वो कौन प्रदेश
पाना तुम चाहोगे
भेद इस रेखा को जब
उस पार चले जाओगे
कब बनेगी नीव
कर्म की
बुनियादी
विचारों पर
कब बनेगी
भाषा एक
हर किसी के अधरों पर

दर्पण बने
इस रक्त में
चेहरा अपना देख
धर्म की ज्वाला में
ऐ भारतवासी
अपनी रोटी
मत सेंक


१ फरवरी २००१

 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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